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तुम मुझे प्रेम करो : नवल

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तुम मुझे प्रेम करो जैसे थार में प्यासा करता है ठंडे नीर से, निशा में पतंगा करता है उज्ज्वल दीप से, जैसे मछलियाँ करती है उफनती लहरों से, नाचता मयूर करता है काले घने मेघ से, ठंडे नीर गला तर करना चाहता हूँ, पतंगे के रूप में प्राण देना चाहता हूँ, मीन की तरह लहरों में खो जाना चाहता हूँ. बनकर मोर नाचना चाहता हूँ प्रेम में एकाकार होना चाहता हूँ... #नवल