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ग्राम्य जीवन व मानसिक शांति

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  Photo: 07:09:18 AM 17/02/2019  vivo mobile camera  Dablisara, India  Photo Click by: Naval Jani सुर्य के उदित होते समय लालिमा लिए हुए आसमान जैसे किसी ने गेरू से पोत दिया हो विशाल छत को, लाली भरे आकाश में समुद्री नाव की तरह तैर रहे मेघ, रात व दिन में बढ़ता तापांतर, दिन में तेज धूप व गर्मी, रात में गुलाबी ठंड, पेड़ पौधो के झुरमुट में पक्षियों की चहचहाहट, सुबह-सुबह मोरों का झुंड दाना-पानी के लिए आ जाता है, गांव में चारों ओर धोरों,पेड़-पौधो, वन्य प्राणियों से घिरे ढाणी में रहना कितना सुकून व आनंद देता है वह तो केवल रहने वाला ही जानता है. ताजा व शुद्ध हवा की शीतल बहार, चारों तरफ फूलों से लदे रोहिडे़ के वृक्ष, शमी के बड़े-बड़े वृक्ष,कुलांचे भरते हिरण, छुप कर दौड़ते खरगोश आदि दृश्य को देखना मैं गोवा के समुद्र किनारे, थाईलैंड के रोमांस व स्विट्ज़रलैण्ड की वादियों से कम नहीं मानता...   (आज हम देखते है कि हर मनुष्य भागदौड़ भरी जिंदगी जी रहा है, किसी के पास दूसरों के लिए क्या अपने लिए भी फुर्सत के क्षण नहीं है. हर कोई दूसरों से आगे निकलने की होड़ में स्वयं को भूल रहा है. हमें एक महत