हार की गरिमा



हारने वालों का भी
अपना एक कद होता है।
वे जिन्होंने मिट्टी पर गिरकर
धूल को माथे लगाया,
और कहा—
"मैंने कोशिश की।"

जीत की चमक भले
उनसे दूर रही हो,
पर उनके पसीने की बूंदें
ज़मीन पर इबारत लिख जाती हैं।

मलाल उन्हें हो
जिन्होंने क़दम तक न बढ़ाए,
जो दूर खड़े
सिर्फ तालियाँ बजाते रहे,
या ताने कसते रहे।

दौड़ में उतरना ही
हिम्मत की निशानी है।
जो हारकर भी चलते रहे,
वे कहीं न कहीं
जीत की राह पर हैं।


नवल 

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