तेरा आना / नवल
#तेरा_आना / नवल
तेरा मेरा अगाध और अथाह प्रेम है
जो भी तुम कहोगी सहर्ष स्वीकार मुझे है
है विश्वास कि तुम आओगी जरूर
तेरी आँखों को उस वक्त पढ़ ली थी मैंने.
तुम यह कभी न कहना कि
तुम इसलिये नहीं आई क्योंकि
तुम आना ही नहीं चाहती थी .
तुम ये कहना कि तुम आ नहीं पाई,
क्योंकि रास्तों ने तुम्हें रस्ता नहीं दिया.
तुम कहना कि आज धूप बड़ी तेज थी,
तुम कह देना कि लू और आँधी भी कम न थी.
तुम बस कह देना
मैं मान लूँगा कि
फूल काँटे बन गए
घटा शोले बरसाने लगी
जंगल के सारे पेड़ सामने हो गए हो
मानो सावन-भादो की बहार ने रोक लिया हो
भौंरे और तितलियों ने रस्ता रोक लिया
मैं दुनिया क़ी हर ताकत से लड़-भिड़ लूंगा
वज्र-सा कठोर सुन कर सह लुंगा
तुम यह कभी न कहना कि
तुम इसलिये नहीं आई क्योंकि
तुम आना ही नहीं चाहती थी
इन शब्दों को न सुन पाऊंगा मैं.
~नवल
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें